साल का पहला दिन…! हाऊ फैंटास्टिक.. ! वाला रहा, पहला कॉल अच्छी खबर से और पहला उपहार…कलम और बुद्धि के देवता जय गणेश,जय गणेश,जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा के पुत्र की प्रतिमा..!
ओह ! मैं यूनिवर्स के सारे इशारे समझ रही हूँ। और उसे खूब प्यार भेज रही हूँ। पहली सेल्फ़ी भी खूबसूरत आयी है। इतनी भी खूबसूरत नही हूँ फिर भी फोटोजेनिक हूँ…
ऐसा मेरे दोस्तों की राय है, तो मैं दिल से उनकी बात और बातों की राय को स्वीकार करती हूँ। पहला दिन थोड़ा भागमभाग वाला रहा,लेकिन उसे मन मुताबिक बनाने में हमने कोई कसर नही छोड़ी।
दफ़्तर पहुँचकर नया साल का पहला दिन पहली फाइल पर प्रस्तावित प्रस्ताव पर जब संस्तुति दी तो अपने सिग्नेचर को और उसके नीचे लिखी तारीख को कई बार देखा और उसे खूब प्यार व अपनत्व के भाव से पढ़ा।
सचमुच मुझे भीतर से बेहद अच्छा फील हुआ। ऐसा लग रहा था,जैसे खुले आकाश के दिल पर अपना नाम दर्ज कर रही हूँ। सकारात्मक सोच अद्भुत अहसास देता है।और इन लम्हों को बयां से परे जैसा….लिखते वक्त भी फील कर रही हूँ।